उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद सिंह रावत राज्य में सैलानियों की तादाद बढ़ाना चाहते हैं लेकिन इसके लिए राज्य में पर्यटन का ढांचा सुधारने के बजाए मीडिया को धमका रहे हैं.
फाइल फुटेज पर ऐतराज
सीएम त्रिवेंद सिंह रावत ने कहा है कि अगर न्यूज चैनल उत्तराखंड में किसी कुदरती हादसे की खबर दिखाते वक्त पुरानी फुटेज का इस्तेमाल करेंगे तो सरकार कानूनी कार्रवाई करेगी. वो ऋषिकेश में एक कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे. रावत का कहना था कि प्रदेश में आने वाली किसी भी आपदा के वक्त टीवी चैनल 2013 में केदारनाथ त्रासदी की तस्वीरें दिखाते हैं. उनके मुताबिक इससे चार धाम की यात्रा पर आने वाले लोग डर जाते हैं.
'आम बात है बादल फटना'
रावत की राय में उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में बादल फटना आम बात है. लेकिन टीवी न्यूज चैनल इसे बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हैं. लिहाजा सरकार अब ऐसा करने वाले चैनलों के खिलाफ सख्ती से निपटेगी.
क्या कहती है रिवायत?
किसी भी खबर के ब्रेक होने पर दुनिया भर के न्यूज चैनल अक्सर पुरानी तस्वीरों का इस्तेमाल करते हैं. ज्यादातर चैनल खबर दिखाते वक्त ये बताते हैं कि दिखाई जा रही तस्वीरें पुरानी हैं. ऐसा कोई कानून नहीं है जो चैनलों पर ऐसा करने की पाबंदी लगाता हो. आपको बता दें टूरिज्म उत्तराखंड सरकार के लिए राजस्व के प्रमुख जरियों में से एक है. इसमें भी धार्मिक सैलानियों से राज्य को अच्छी खासी आय होती है. लेकिन 2013 में केदारनाथ और बद्रीनाथ में मची तबाही के बाद राज्य में आने वाले पर्यटकों की तादाद घटी है.