उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने शनिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्या सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. जोशी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे अपने त्यागपत्र में कहा, 'अपने जीवन के 48 वर्ष पूरी निष्ठा के साथ कांग्रेस पार्टी की सेवा करने के उपरांत मैं बहुत क्षुब्ध होकर सदस्य अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, सदस्य समन्वय समिति कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड, प्रदेश उपाध्यक्ष (संगठन) उत्तराखंड कांग्रेस, सदस्य प्रदेश चुनाव समिति उत्तराखंड पदों के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं.'
मथुरा दत्त जोशी कथित तौर पर कांग्रेस द्वारा अपनी पत्नी को स्थानीय निकाय चुनाव का टिकट नहीं देने से नाराज थे. उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा मथुरा दत्त जोशी के आवास पर उन्हें मनाने भी गए थे, लेकिन बात नहीं बन सकी. मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि वह 48 साल तक कांग्रेस के सदस्य रहे, लेकिन कभी उन्हें उत्तराखंड चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया गया. उन्होंने एक वीडियो मैसेज जारी करके अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी.
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कांग्रेस उत्तराखंड में जर्जर हालत में है: मथुरा जोशी
जोशी ने बुधवार को वीडियो मैसेज में कहा, 'पार्टी काम तो चाहती है, लेकिन हमें कभी इनाम नहीं देती. पिछले कुछ वर्षों में लगभग 1,000 लोग पार्टी छोड़ चुके हैं. कांग्रेस उत्तराखंड में जर्जर हालत में है. जब उत्तराखंड कांग्रेस में बगावत हो रही थी तब भी मैं डटा रहा. कांग्रेस ने विभिन्न वैचारिक और नीतिगत मामलों में भाजपा का विरोध किया है, लेकिन हम जैसे कार्यकर्ताओं को अपना राजनीतिक करियर बचाने के लिए विचारधारा को मारना पड़ रहा है.'
जोशी ने उत्तराखंड अध्यक्ष से मुलाकात के बाद एक बयान में कहा, 'इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि मैं घटनाक्रम से परेशान हूं, लेकिन अगर परिवार का कोई सदस्य किसी मुद्दे पर नाराज है, तो वह परिवार के अन्य सदस्यों के साथ इस पर चर्चा करेगा. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने मुझसे संपर्क किया और हमारी इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई. माहरा ने मुझे आश्वासन दिया है. अगर पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ न्याय नहीं होगा और सारे फैसले तीन या चार लोग लेंगे तो पार्टी सदस्यों का क्या होगा? प्रदेश अध्यक्ष ने दो दिन का समय मांगा है, इसलिए मैंने कांग्रेस कार्यालय से काम शुरू कर दिया है.'
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पिथौरागढ़ में मेयर पद महिलाओं के लिए आरक्षित
इस बीच बीजेपी भी अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से संपर्क करके उन्हें पार्टी लाइन के खिलाफ नहीं जाने के लिए कह रही है. प्रदेश भाजपा प्रमुख महेंद्र भट्ट ने कहा कि पार्टी हितों के खिलाफ काम करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. पिथौरागढ़ को इस साल नगर निगम बोर्ड से बढ़ाकर नगर निकाय बना दिया गया था और मेयर पद महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया. इस पद के लिए 12 महिलाओं ने अपना नामांकन दाखिल किया है.
भाजपा ने कल्पना देवलाल को अपना मेयर उम्मीदवार बनाया है, जिनके पति राकेश देवलाल जिला महासचिव हैं. इस बीच, निवर्तमान पिथौरागढ़ चेयरमैन राजेंद्र सिंह रावत की पत्नी सीमा रावत ने भी नामांकन दाखिल किया है. उन्होंने पार्टी पर उन्हें नजरअंदाज करने और ऐसे व्यक्ति को टिकट देने का आरोप लगाया जिसने कभी पार्टी गतिविधियों में भाग नहीं लिया. बीजेपी की एक अन्य असंतुष्ट नेता उमा पांडे ने कहा, 'मैंने 40 साल तक निस्वार्थ भाव से पार्टी की सेवा की और जब मैंने टिकट मांगा तो पार्टी ने मुझे नजरअंदाज कर दिया, इसलिए मैंने खुद ही नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. बीजेपी महिला विंग की जिला अध्यक्ष प्रमिला बोहरा ने भी चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया है.
पिथौरागढ़ मेयर पद के लिए अंजू लुंठी कांग्रेस प्रत्याशी
कांग्रेस ने पार्टी की जिला अध्यक्ष अंजू लुंठी को टिकट दिया है. हालांकि, कांग्रेस विधायक मयूख महर ने युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव ऋषेंद्र महर की पत्नी मोनिका महर को अपना समर्थन दिया है. उन्होंने दावा किया कि लुंठी एक जिला पंचायत सदस्य हैं, जिन्होंने टिकट पाने के लिए अपना वोट पिथौरागढ़ में रजिस्टर कराया. महर ने कहा कि किसी व्यक्ति को ग्रामीण और शहरी दोनों निकायों के लिए टिकट मिलना उचित नहीं है. अंजू लुंठी विधानसभा उपचुनाव के लिए भी टिकट दिया गया था. कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी अपनी पत्नी रुक्मणी देवी के लिए टिकट मांग रहे थे.