देव भूमि उत्तराखंड में एक बार फिर से आफत की बारिश डराने लगी है. पिछले 24 घंटों से हो रही भारी बरसात से नदियां उफान पर हैं.
अलकनंदा, मंदाकिनी, भागीरथी, शारदा, सभी खतरे के निशान को पार कर रही हैं. बारिश की वजह से कहीं पुल बह गए तो कहीं सड़कें ढह गई हैं. भूस्खलन से बद्रीनाथ हाईवे ब्लॉक हो गया है सड़क मार्ग ठप है. हजारों यात्री जहां के तहां फंसे हैं.
राहत की राह देख रहे श्रद्धालु
हरशील, भाटवारी और गंगोत्री में पिछले 18 घंटों से हो रही बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. चार धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर गए श्रद्धालु मौसम की विकट मार से बचने के लिए जहां सुरक्षित जगह मिल रही है, वहीं डेरा डाले पड़े हैं. राहत के इंतजार में कैंपों में भीड़ बढ़ती जा रही है. हेमकुंड यात्रा फिर से रोक दी गई है.
उत्तराखंड सरकार और प्रशासन का दावा है कि सब जगह राहत और बचाव का काम चल रहा है. केदारनाथ में फंसे सारे तीर्थयात्री सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए हैं तो बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब में राहत और बचाव का काम जारी है.
पंद्रह हजार से ज्यादा फंसे
करीब 15000 से ज्यादा मुसाफिर केदारनाथ और बद्रीनाथ के रास्ते पर फंसे हैं. जिसे एनडीआरएफ और राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन की रेस्क्यू टीमों ने हेलीकॉप्टरों के जरिए सुरक्षित जगहों तक पहुंचा रही है. मंगलवार तक 1500 यात्री हेलीकॉप्टर से निकाले जा चुके हैं.