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देवभूमि की सरकार अब मोबाइल वैन से बेचेगी शराब, निकाला सुप्रीम कोर्ट के आदेश का तोड़

उत्तराखंड के आबकारी विभाग ने उत्तराखंड की महिलाओं के द्वारा शराब की दुकानों का विरोध और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का एक नया तोड़ निकाल लिया है, जी हां, शराब दुकानों की बजाय अब मोबाइल वैन से बेची जा रही हैं, ये पहल जितनी अनोखी है उतनी ही आश्चर्यजनक भी है, क्योंकि देश में ये पहला मौका है जब सरकार के द्वारा देसी और अंग्रेजी शराब सड़कों पर यूं परोसी जा रही है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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उत्तराखंड के आबकारी विभाग ने उत्तराखंड की महिलाओं के द्वारा शराब की दुकानों का विरोध और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का एक नया तोड़ निकाल लिया है, जी हां, शराब दुकानों की बजाय अब मोबाइल वैन से बेची जा रही हैं, ये पहल जितनी अनोखी है उतनी ही आश्चर्यजनक भी है, क्योंकि देश में ये पहला मौका है जब सरकार के द्वारा देसी और अंग्रेजी शराब सड़कों पर यूं परोसी जा रही है.

रास्ते पर चलते-चलते अगर आपको शराब की तलब लगे तो घबराइए नहीं और न ही परेशान होइए, क्योंकि ये मुमकिन है कि थोड़ी ही दूरी पर आपको सड़क के किनारे एक वैन नज़र आ जाए, जो यक़ीनन आपकी शराब की फरमाइश को पूरा करने के लिए देवभूमि उत्तराखंड की सरकार ने विशेष तौर पर चलवाई है. पीला बैनर लगी ये मोबाइल वैन आपको अंग्रेजी और देसी और विदेशी दोनों ही तरह की शराब परोसेगी.

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गौरतलब है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी राष्ट्रीय राजमार्ग पर शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश दे दिया गया था. उत्तराखंड में भी सभी राष्ट्रीय राजमार्ग में ये अमल किया जाना था, क्योंकि पहाड़ी जिलों में अधिकांश रिहाइशी इलाके इन्हीं मार्गों पर हैं, जिसका तोड़ निकालते हुए राज्य सरकार ने इन मार्गों को जिला मार्ग में तब्दील कर शराब की दुकानों के खुलने का रास्ता भी निकाल लिया था. मगर देवभूमि की महिलाओं ने इसका कड़ा विरोध करते हुए दुकानें नहीं खुलने दी. जगह-जगह शराब की दुकानों में तोड़फोड़ की गई, जिसके बाद आबकारी विभाग ने भी पहाड़ी जिलों के लिए ये नया व अनोखा रास्ता ढूंढ लिया. मतलब आबकारी विभाग ने शराब व्यवसाइयों को एक नयी दिशा दे दी. अब शराब की दुकानों पर आपको नहीं जाना पड़ेगा, शराब की दुकान अब खुद आपके पास चलकर आएगी.

सरकार का विरोधाभास

जहां एक तरफ शराब की दुकान को मोबाइल कर दिया गया है, तो वहीं दूसरी तरफ उत्तरकाशी पुलिस शराब से होने वाले नुकसान को बाकायदा माइक से लोगों तक पहुंचा रही है. ये संदेश पुलिस लाउडस्पीकर से दे रही है कि शराब बेहद हानिकारक है, जिसका सभी को विरोध भी करना चाहिए और इसके सेवन से बचना भी चाहिए. मतलब समझ से परे है की सरकार आखिर संदेश क्या देना चाहती है? एक तरफ शराब की मोबाइल वैन और दूसरी तरफ शराब से बचने के लिए सन्देश, इससे तो यही साबित होता है की त्रिवेंद्रम सरकार शायद खुद भी नहीं समझ पा रही है कि उसे करना क्या है.

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कांग्रेस ने किया अनूठा विरोध

शराब की मोबाइल वैन के विरोध के स्वर हल्द्वानी में भी पहुंच गए हैं जहां, आम जनता के साथ ही विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी उसी की तर्ज पर एक नया वैन बनाकर बाकायदा आंदोलन शुरू कर दिया है, जिसमें तमाम लोगों ने आबकारी नीति में परिवर्तन कर इस तरह की मोबाइल वैन का विरोध कर दिया है. इन सब विरोधों के बाद भी आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने साफ़ तौर पर ये कहा है कि शराब का विरोध हो रहा है, पर शराब बंदी संभव नहीं है.

 

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