दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर अब उत्तराखंड में भी नए नागरिकता कानून (CAA) को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. काफी समय से उत्तराखंड के हल्द्वानी में दिन-रात मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन चलता रहा. अब ये उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी शुरू हो गया है. यहां भी मुस्लिम महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है, साथ ही ऐलान किया है कि जब तक ये कानून वापस नहीं होगा, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.
उत्तराखंड में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर हो रहे प्रदर्शन दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं. दिल्ली के शाहीन बाग में एक महीने से अधिक समय से प्रोटेस्ट चल रहा है. वहीं देश के अनेक राज्यों के कई हिस्से में भी इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी है जो लगातार बढ़ता जा रहा है. देहरादून में बड़ी तादाद में मुस्लिम महिलाओं के साथ बच्चे भी इस प्रोटेस्ट में नजर आ रहे हैं.
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संविधान बचाने की लड़ाई: प्रदर्शनकारी
प्रदर्शन करने वाले इन सभी लोगों की मांग है कि जब तक सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेती, तब तक वो इसके खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे. उनकी मानें तो उनकी ये लड़ाई संविधान को बचाने के लिए है, जिसमें सभी धर्मों के लोगों का साथ मिल रहा है. प्रदर्शनकारियों का साफ तौर पर ये कहना है कि सरकार का ये कानून एक काला कानून है, जिसके खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेगा.
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प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार को ये कानून वापस लेना ही होगा और जब तक सरकार उनकी नहीं सुनती तब तक उनका अनिश्चतकालीन धरना जारी रहेगा.
वहीं, अभी कुछ ही दिन पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने बयान में ये जिक्र किया था कि कुछ बाहरी लोग प्रदर्शन के नाम पर यहां की जनता को उकसाने का काम करने के लिए पहुंचे हैं, जिनके प्रति सख्त कदम उठाया जाएगा.