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नदी-नाले-झरने जमे, सड़कों पर सफेद चादर... उत्तराखंड में सर्दी का सितम, Photos

नदी, नाले, झरने, रास्ते, पहाड़ हर तरफ सिर्फ बर्फ ही बर्फ है. बहते नाले हो या पहाड़ से गिरते झरने या फिर टपकती पानी की बूंदें... सब मोटे कठोर बर्फ में तब्दील हो चुकी है.

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पहाड़ों से गिर रहा झरना भी जम गया है
पहाड़ों से गिर रहा झरना भी जम गया है

उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा से सटे हुए नीति घाटी में इस समय जबरदस्त शीत लहरी का प्रकोप देखने को मिल रहा है. यहां नदी, नाले, झरने, रास्ते, पहाड़ हर तरफ सिर्फ बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है. बहते नाले हो या पहाड़ से गिरते झरने या फिर टपकती पानी की बूंदें... सब मोटे कठोर बर्फ में तब्दील हो चुकी है. 

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हालांकि तस्वीर हर किसी को जन्नत से कम नजर नहीं आएगी, लेकिन यहां सर्दी का सितम शुरू हो गया है. पारा माइनस -15 डिग्री तक लुढ़क चुका है. पूरी नीति घाटी इस समय सफेद चादर में लिपट चुकी है. सड़क मार्ग बर्फबारी के कारण बंद हो चुके हैं. जहां तक नजर घुमाओं सभी तरफ बर्फ की चादर बिछी है.

नीति घाटी में दिन के उजाले में भी पारा माइनस -10 तक लुढ़का हुआ है. बर्फबारी की वजह से सड़क मार्ग पूरी तरह से बंद हो चुकी है. सड़कों पर चलना भी खतरनाक साबित हो रहा है. इस समय नीति घाटी पूरी तरह से खाली हो चुकी है, लेकिन यहां भारतीय सेना और आईटीबीपी के जवान आज भी तैनात हैं.

बढ़ती ठंड के चलते भले ही घाटी खाली हो चुकी हो लेकिन अभी भी नीति से 20 किलोमीटर पहले मलारी में कुछ लोग मौजूद हैं, जिनका कहना है कि यहां रहना बहुत मुश्किल है.

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नीति घाटी में बहने वाली धौलीगंगा धीरे-धीरे जम रही है. आधी से ज्यादा धौलीगंगा पूरी तरह से जम चुकी है लेकिन अभी सर्दी और बढ़ती तो यह पूरी तरह से जम जाएगी. हालांकि आने वाले समय में यहां तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाएगा लेकिन यहां अभी फरवरी तक सर्दी का सितम इस तरह ही यहां देखने को मिलता रहेगा. 

 

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