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जोशीमठ में भू धंसाव के चलते अब तक 723 घरों में दरारें पड़ चुकी हैं. इन घरों में लाल क्रॉस के निशान लगा दिए गए हैं. इन घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है. लेकिन तमाम अपने आशियाने को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. वजह वर्तमान और भविष्य को लेकर अनिश्चितता का माहौल. इन लोगों का कहना है कि पहले उन्हें प्रशासन की ओर से पुनर्वास और मुआवजे का आश्वासन मिले, इसके बाद भी वे घर छोड़कर जाएंगे. इसे लेकर जोशीमठ में लोगों ने मंगलवार रात को प्रदर्शन भी किया.
जोशीमठ में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे. स्थानीय जनता की मांग है कि उन्हें पहले मुआवजा मिले या मुआवजे और पुनर्वास का आश्वासन दिया जाए. इसके बाद वे घर खाली करेंगे. जनता का आरोप है कि प्रशासन की ओर से अब तक किसी भी मुआवजे की बात उनसे नहीं की गई है. उधर, जोशीमठ में आदेश के बावजूद मंगलवार को दोनों होटलों माउंट व्यू और मल्हारी को गिराने का काम पूरा नहीं हो सका. होटल के मालिकों का कहना है कि उन्हें अब तक प्रशासन की ओर से न ही नोटिस मिला और न ही उनकी जगह का वैल्यूएशन किया गया.
आशियाने की कीमत सिर्फ 1.30 लाख रुपए
अब तक की प्रशासन की कार्रवाई के बाद जोशीमठ में 723 मकानों में दरारें पाई गई हैं. सुरक्षा को देखते हुए यहां 131 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है. 10 उन परिवारों को जिनके आशियाने पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं, उन्हें 1.30 लाख की दर से धनराशि दी गई है. इसके साथ ही प्रभावित परिवारों को उनकी आवश्यकतानुसार खाद्यान्न किट और कंबल वितरित किये गये हैं. कुल 70 खाद्यान्न किट, 70 कम्बल और 570 लीटर दूध प्रभावितों को वितरित किया गया है, कुल 80 प्रभावित व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है. लेकिन इन दावों और इंतजामों के बीच लोगों का विरोध भी शुरू हो चुका है. किसी की जिंदगीभर की कमाई का जो 1.3 लाख रुपये का मुआवजा निकाला गया है, लोगों को ये रास नहीं आ रहा है. कई महिलाएं सड़कों पर बैठी हुई हैं. लोगों की मांग है कि होटल तभी गिराने दिया जाएगा जब उन्हें उचित मुआवजा मिल जाएगा.
जोशीमठ में मौसम खराब हुआ
जोशीमठ में बुधवार को मौसम खराब हो गया. यहां आसमान में घने बादल छाए हुए हैं. ऊपरी पहाड़ी पर बर्फबारी हो रही है. बारिश और बर्फबारी की संभावना ने लोगों के डर को और बढ़ा दिया है. लोगों को डर है कि अगर बर्फबारी या बारिश होती है, तो नमी आने से और दरारें बढ़ेंगी और खतरा बढ़ेगा.