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नए मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में कल उत्तराखंड में वाहनों की हड़ताल

केंद्र सरकार के नए मोटर व्हीकल एक्ट का जगह-जगह विरोध किया जा रहा है. अब इसके विरोध में उत्तराखंड में कल वाहनों की हड़ताल रहेगी. जिसके कारण प्रदेश में टैक्सी, बसें बंद करने का ऐलान किया गया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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  • नए मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में उतरेंगे ट्रांसपोर्टर
  • पूरी तरह से ट्रांसपोर्ट सेवाएं रहेंगी बाधित

केंद्र सरकार के नए मोटर व्हीकल एक्ट का जगह-जगह विरोध किया जा रहा है. अब इसके विरोध में उत्तराखंड में कल वाहनों की हड़ताल रहेगी. जिसके कारण प्रदेश में टैक्सी, बसें बंद करने का ऐलान किया गया है. केंद्र सरकार के संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध करते हुए उत्तराखंड में टैक्सी, विक्रम और बसों को बंद करने का एलान किया है.

बस संचालकों ने नए मोटर वाहन एक्ट का पुरजोर विरोध किया है. बुधवार को राजधानी समेत पूरे उत्तराखंड में मोटर वाहन पूरी तरह से ठप रहेंगे और कई जगह चक्का जाम रहेगा.

इस हड़ताल में बस, ट्रक और स्कूल वाहनों को भी शामिल किया गया है. चालकों की मांग है कि बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रदेश में जुर्माना राशि न बढ़ाने का फैसला लिया जाए. अगर ऐसा होता है तो परिवहन महासंघ अनिश्चित कालीन हड़ताल पर भी जा सकता है.

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पुराने नियमों के बने रहने पर जोर

हालांकि उत्तराखंड में अभी जुर्माना राशि में बढ़ोतरी  को लेकर राज्य सरकार मंथन कर रही है लेकिन मंथन से पहले ही चालकों  ने पुरानी व्यवस्था लागू करने की मांग उठानी शुरू कर दी है

उत्तराखंड में जुर्माने की बढ़ी राशि पर मंथन चल रहा है. मंथन से पहले ही ट्रांसपोर्टर ने पुरानी व्यवस्था को लागू करने की मांग शुरू कर दी है. इस मामले में परिवहन महासंघ का कहना है कि नए नियम जनता को परेशान करने वाले हैं.

जनता के लिए मुश्किल

परिवहन महासंघ महासचिव सत्यदेव उनियाल ने कहा कि प्रदेश में 40 से 50 हजार मैक्स संचालक हैं. ये वाहन पूरे पहाड़ के लिए यातायात साधन के रूप में काम करती है. ऐसे में यदि सरकार संशोधित एक्ट को पारित करने में सही निर्णय नहीं लेती है तो आने वाले दिन जनता के लिए परेशानियां बढ़ाने वाली हो सकती हैं.

बंद रहेंगे स्कूली वाहन

मतलब साफ है कि इस संशोधन बिल से जहां टांसपोर्टर काफी नाराज हैं तो बुधवार को स्कूली वाहन भी बंद रहेंगे. इससे आम लोगों से लेकर स्कूली बच्चो को भी परेशानी झेलनी पड़ेगी.

सभी वाहन चालकों का कहना है कि अगर राज्य सरकार इसमें संशोधन नहीं करती है तो आने वाले समय मे ये हड़ताल बड़ा रूप ले सकती है. राज्य सरकार कल होने वाली केबिनेट में इस एक्ट पर फैसला लेगी जिससे ये साफ हो जाएगा कि केंद्र का यह एक्ट वैसे ही राज्य में लागू होगा या संशोधन के साथ.

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