उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी से पर्यटकों की मुसीबत बढ़ती जा रही है. केदारनाथ-रांसी के ट्रैक पर गए दो ट्रैकर्स की तबीयत बिगड़ गई है. खबर है कि एक की मौत हो गई है. जबकि दूसरे को बचा लिया गया है. यात्रा पर 10 ट्रैकर्स का ग्रुप एक साथ निकला था. लेकिन रास्ते में दो ट्रैकर्स को स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो गई, जिसके कारण वे ट्रैक पर फंस गए थे.
एसडीआरएफ प्रवक्ता ने इस घटना की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि भारी बर्फबारी और बिगड़ते हालात में पर्यटक केदारनाथ से करीब 6 किमी दूर ही निकल पाए. इससे पहले एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) ने रविवार देर रात ऑपरेशन में एक व्यक्ति को बचाया था. ये शख्स पौड़ी गढ़वाल जिले में श्री यंत्र टपू के पास एक नदी में फंस गया था. उसकी कार नदी में गिर गई थी.
24 घंटे के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया
उत्तराखंड खराब मौसम चल रहा है. अगले 24 घंटे के लिए उधम सिंह नगर, नैनीताल, चमापावत के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. उत्तराखंड के सुनसान इलाकों में 12 तारीख तक भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है.
चट्टान गिरने से एक तीर्थ यात्री की मौत हुई
वहीं, सोमवार को रुद्रप्रयाग में भूस्खलन के दौरान पहाड़ी से चट्टान गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. ये व्यक्ति एक तंबू में सो रहा था, तभी हादसे का शिकार हो गया. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह ने बताया था कि घटना जंगलचट्टी इलाके में तड़के करीब 3 बजे हुई. ये व्यक्ति केदारनाथ की यात्रा पर आया था. उसके साथ सो रहे दोस्त बाल-बाल बच गए थे. उत्तराखंड की पहाड़ियों में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है.
उत्तर काशी: हिमस्खलन में 26 की हुई थी मौत
इधर, उत्तरकाशी में हिमस्खलन की घटना में शुक्रवार को 10 और शव मिले थे, जिससे मरने वालों की संख्या 26 हो गई थी. तलाश अभियान में शामिल होने के लिए हर्सिल में सेना के हेलीपैड से दो चीता हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरी थी. हिमस्खलन मंगलवार को 17,000 फीट की ऊंचाई पर हुआ था, जब नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) की एक टीम द्रौपदी का डंडा II शिखर पर चढ़कर लौट रही थी. 24 शव प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के हैं, जबकि दो उनके प्रशिक्षकों के हैं. तीन प्रशिक्षु अभी भी लापता हैं.
उत्तरकाशी समेत उत्तराखंड के कई पहाड़ी जिलों के लिए मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था. आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा गया गया है. हादसे में बचे एनआईएम के प्रशिक्षक नायब सूबेदार अनिल कुमार ने बताया था कि हिमस्खलन के दौरान 33 पर्वतारोहियों ने एक जगह शरण ली थी.