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जोशीमठ संकट के पीड़ितों के लिए मुआवजा नीति जारी, जानिए अब कितनी मिलेगी राशि

उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ के लोगों के लिए एक राहत भरा फैसला लिया है. सरकार ने जोशीमठ के लिए नई मुआवजा नीति जारी कर दी है. इस नीति से अब जोशीमठ के अलावा उन इलाकों के लोगों को भी राहत मिल सकती है, जिनके घर जमीन फटने या दरार आने से ध्वस्त हो गए हैं.

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धामी सरकार ने जारी की मुआवजा नीति (फाइल फोटो)
धामी सरकार ने जारी की मुआवजा नीति (फाइल फोटो)

उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ के लिए गुरुवार को मुआवजा नीति जारी कर दी है. इस नीति के तहत ध्वस्त घरों के लिए 31 हजार से 36 हजार प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजा दिया जाएगा. व्यावसायिक भवनों का मुआवजा पांच स्लैब में तय किया गया है. भूमि के मुआवजे का फैसला अगली कैबिनेट में रखा जा सकता है. 

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वहीं उत्तराखंड के जोशीमठ की तरह ही चमोली जिले के पैंगढ़ गांव में भू-स्खलन और घरों में दरारें आई हैं, जिसकी वजह से ग्रामीण अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं. वह राहत शिविरों, टिन शेड और स्कूलों में शरण ले रहे हैं. 

कर्णप्रयाग-अल्मोड़ा नेशनल हाईवे पर थराली के पास पिंडर नदी के पास बसे पैंगढ़ गांव के 40 से अधिक परिवार बेघर हो गए हैं और शरणार्थी की तरह जीवन बिता रहे हैं. इस गांव में 90 से ज्यादा कई पीढ़ियों से रह रहे हैं. गांव में लैंडस्लाइड की समस्या साल 2013 में केदारनाथ आपदा के साथ शुरू हुई थी, लेकिन अक्टूबर 2021 में मामला और बिगड़ गया जब गांव के ऊपर खेतों में दरारें दिखाई देने लगीं. 

जोशीमठ-बद्रीनाथ हाईवे पर 5 जगह धंसी जमीन

जोशीमठ में जमीन धंसने और मकानों की दीवारें दरकने के बाद अब जोशीमठ-बद्रीनाथ हाईवे पर दरारें देखी गई हैं. हाईवे के पांच स्थानों पर ये दरारें देखी गई हैं. नई दरारें दिखने के बाद बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने इसकी सूचना जारी की है. दरार वाली जगहों पर BRO की टीम ने रेगुलर मेंटेनेंस कर दिया है.

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जोशीमठ एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि ये दरारें पिछले साल भी निकली थीं और हमने मरम्मत का काम किया था. गड्ढे 4 मीटर गहरे थे, जिन्हें भर दिया गया है. दरारों की जांच के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है.

15 मार्च को जारी होगा उत्तराखंड का बजट

धामी सरकार का 15 मार्च को बजट पेश किया जाएगा. भराड़ीसैंण में विधानसभा सत्र के दौरान 2023-24 का बजट सदन के पटल पर रखा जाएगा. तय कार्यक्रम के मुताबिक 13 मार्च से सत्र का आगाज राज्यपाल के अभिभाषण से होगा. इसके बाद 14 मार्च को धन्यवाद प्रस्ताव व उस पर चर्चा होगी.

15 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित होगा. इसके बाद वित्त मंत्री बजट पेश करेंगे. 16 मार्च को बजट पर चर्चा और विभागवार अनुदान मांगों का प्रस्तुतीकरण होगा. 17 मार्च को असरकारी कार्य होगा और 18 मार्च को विनियोग विधेयक पास होगा.

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