गंगा में थूकने और कूड़ा ङालने पर सजा और जुर्माने का कानून बनाए जाने का पर्यावरणविदों और संतों ने स्वागत किया है. पढ़ें...अब गंगा नदी में थूका या कूड़ा फेंका तो हो सकती है जेल
इनका कहना है कि गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए कानून तो बनना चाहिए पर ऐसा कानून भी ना बने जिसके दुरुपयोग की आंशका हो. संतों का कहना है कि गंगा किनारे के सातों प्रदेशों के साथ समन्वय के बाद ही कानून बनाया जाना चाहिए. इसके लिए सातों प्रदेशों को मिलाकर गंगा टास्क फोर्स बनाई जाए.
अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने भी नए बनने वाले इस कानून का स्वागत किया है. रामानन्दाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य ने कहा कि गंगा के किनारे के सातों प्रदेशों के समन्वय के साथ ही कोई कानून बनना चाहिए. उन्होने कहा कि गंगा की निर्मलता और स्वच्छता के लिए काननू बने, यह जरूरी है पर इस कानून की स्वीकार्यता व्य़ापक हो इसके लिए गंगा टास्क फोर्स बनाकर उसमें विचार मंथन के बाद ही किसी कानून को अमल में लाया जाना चाहिए.