उत्तराखंड की सेल्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सोमवार को भाजपा और कांग्रेस ने उम्मीदवार तय कर दिए हैं. भाजपा की तरफ से यहां महेश जीना को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं, कांग्रेस ने गंगा पांचोली को उतारा है. ये सीट मौजूदा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद खाली हुई थी. भाजपा ने जिन महेश जीना को यहां से उम्मीदवार बनाया है, वो सुरेंद्र सिंह जीना के ही भाई हैं. वहीं, गंगा पांचोली ने 2017 का विधानसभा चुनाव भी यहीं से लड़ा था, लेकिन भाजपा के सुरेंद्र सिंह से हार गई थीं. कांग्रेस ने एक बार फिर उन पर भरोसा दिखाया है. उत्तराखंड की सेल्ट विधानसभा पर उपचुनाव के लिए 17 अप्रैल को वोटिंग होगी. इसके नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे
2017 में 3000 से भी कम था जीत का अंतर
उत्तराखंड में 2017 में विधानसभा चुनाव हुए थे. 2012 और 2017 के चुनावों में सेल्ट विधानसभा से भाजपा ही जीत रही है. पिछले चुनाव में यहां हार-जीत का अंतर 3 हजार से भी कम था. भाजपा के सुरेंद्र सिंह जीना को 21,581 और कांग्रेस की गंगा पांचोली को 18,677 वोट मिले थे. इस तरह सुरेंद्र सिंह महज 2,904 वोटों से ही जीते थे.
कोरोना से हुई सुरेंद्र सिंह की मौत
भाजपा के सुरेंद्र सिंह जीना तीन बार के विधायक थे. वो पहली बार 2007 में बिखियासीन विधानसभा सीट से चुने गए थे. उसके बाद 2012 और 2017 में सेल्ट विधानसभा से विधायक बने. पिछले साल उन्हें कोरोना हो गया था. इस वजह से नवंबर 2020 में उनकी मौत हो गई थी. उनके निधन के बाद से ही ये सीट खाली पड़ी थी.
उत्तराखंड में अगले साल होंगे विधानसभा चुनाव
उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के लिए मार्च 2022 में चुनाव हो सकते हैं. 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने यहां की 57 सीटें जीती थीं. जबकि कांग्रेस 11 सीट ही जीत पाई थी. दो सीटें निर्दलीयों के खाते में गई थी. भाजपा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया था. लेकिन हाल ही में उनकी जगह तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया है.