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चमोली में 'मिशन जिंदगी' जारी, 2 और मजदूरों के शव मिले, अब तक 7 मौतें, एक की तलाश

भारतीय सेना, आईटीबीपी और बीआरओ दिन-रात लगातार बचाव अभियान चला रहे हैं. आज मौसम साफ रहने की वजह से अभियान की गति और तेज होने की उम्मीद है.

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चमोली हादसा
चमोली हादसा

उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली में हुए हिमस्खलन में मांड़ा गांव में 54 मजदूर फंस गए थे. मजदूरों के बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया गया. भारतीय वायुसेना के चीता हेलिकॉप्टर्स बचाव कार्य के तीसरे दिन भी अपना अभियान जारी रखे हुए हैं. अब तक कुल 53 लोगों को निकाला गया, जिनमें से 46 जिंदा हैं और 7 श्रमिकों की मौत हो चुकी है. वहीं, अब भी एक मजदूर अब भी लापता है. रेस्क्यू में सेना के 4 हेलिकॉप्टर्स के अलावा ITBP, BRO, SDRF और NDRF के 200 से ज्यादा जवान लगे हुए हैं.

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पहले लापता हुए लोगों में से एक व्यक्ति के बिना अधिकारियों को बताए घर लौट जाने की पुष्टि हुई है. नतीजतन, लापता श्रमिकों की संख्या अब घटकर चार रह गई है. भारतीय सेना, आईटीबीपी और बीआरओ दिन-रात लगातार बचाव अभियान चला रहे हैं. आज मौसम साफ रहने की वजह से अभियान की गति और तेज होने की उम्मीद है.

सभी श्रमिकों के कंटेनर ढूंढ लिए गए हैं, लेकिन उनमें कोई व्यक्ति नहीं मिला. चार लापता श्रमिकों का पता लगाने के लिए दिल्ली से ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार मंगाया गया है, जो अब माणा गांव पहुंच गया है. मौसम में सुधार के साथ ही निकाले गए श्रमिकों को हेलिकॉप्टर से जोशीमठ स्थित सेना अस्पताल में आगे की मेडिकल इलाज के लिए ले जाया गया है.

chamoli

माणा-बद्रीनाथ में एवलांच में फंसे शेष मजदूरों की तलाश हेतु SDRF की एक टीम विक्टिम लोकेटिंग और थर्मल इमेज कैमरा के साथ रवाना हुआ.

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यह भी पढ़ें: चमोली एवलांच: रेस्क्यू ऑपरेशन का तीसरा दिन, 4 मजदूर अभी भी फंसे, देखें

सर्चिंग में लगे हेलिकॉप्टर 

पुलिस महानिरीक्षक, SDRF रिधिम अग्रवाल के निर्देशानुसार माणा में एवलांच के दौरान लापता मजदूरों की खोज के लिए SDRF की एक विशेषज्ञ टीम को विक्टिम लोकेटिंग कैमरा (VLC) एवं थर्मल इमेज कैमरा के साथ सहस्त्रधारा से हेलिकॉप्टर के माध्यम से घटनास्थल हेतु रवाना कर दिया गया है. इन उपकरणों की सहायता से सर्चिंग का काम किया जाएगा.

DIBOD सिस्टम (ड्रोन आधारित इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन) सिस्टम और 6 तकनीशियनों को हिंडन से एयरफोर्स डोर्नियर एयरक्राफ्ट द्वारा एयरलिफ्ट किया गया है और जल्द ही उन्हें IAF एमआई17 हेलिकॉप्टर द्वारा माना ले जाया जाएगा. इस सिस्टम को बर्फ के नीचे फंसे मजदूरों का पता लगाने और उनका आकलन करने के लिए तैनात किया जाएगा. IAF के चीता हेलिकॉप्टर बचावकर्मियों को चिकित्सा सहायता के लिए एयरलिफ्ट करना जारी रखे हुए हैं.

 
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