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उत्तराखंड टनल हादसा: भारतीय अमेरिकी सांसद ने USAID से की रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद की अपील

उत्तरकाशी टनल हादसे का आज 5वां दिन है, लेकिन अभी तक किसी भी मजदूर को बाहर नहीं निकाला जा सका है. NDRF, SDRF समेत कई नागरिक सुरक्षा बलों के जवान इस रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. इस बीच भारतीय अमेरिकी सांसद ने USAID से रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद की अपील की है.

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उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी (फोटो-पीटीआई)
उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी (फोटो-पीटीआई)

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में करीब 100 घंटों से 7 राज्यों के 40 मजदूर सुरंग के भीतर फंसे हुए हैं, जिन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है, लेकिन 4 दिन बाद भी मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में थाईलैंड और नॉर्वे की एक्सपर्ट टीमों की भी मदद ली जा रही है. इस बीच भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद ने यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलेपमेंट से इस रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद की अपील की है. 

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इंडियन-अमेरिकन कांग्रेसमैन श्री थानेदार ने कहा कि यह घटना सिर्फ एक स्थानीय संकट नहीं है, बल्कि मानवीय संकट है, जो वैश्विक ध्यान और कार्रवाई की मांग करती है.  

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थानेदार ने कहा, बचाव कार्यों में अपनी उन्नत तकनीक और विशेषज्ञता के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका इन प्रयासों में महत्वपूर्ण प्रभाव डालने और संभावित रूप से लोगों की जान बचाने की क्षमता रखता है. उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग बीते 12 नवंबर को ढह गई थी, जिसमें 40 मजदूर फंस गए हैं. मंगलवार को ट्रेंचलेस सुरंग बनाना शुरू किया गया था. जिसमें टीमें मलबे के जरिए ड्रिल करने का प्रयास कर रही हैं.  

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उन्होंने कहा कि भारत के साथ गहरे संबंध रखने वाले शख्स के रूप में मैं यह सुनिश्चित करने की भावना महसूस करता हूं कि यूएस जरूरत के इस समय में कदम उठाए. थानेदार ने कहा, हमारी भागीदारी न केवल तत्काल बचाव प्रयासों में सहायता कर सकती है बल्कि अमेरिका और भारत के बीच मजबूत संबंधों को और भी मजबूत कर सकती है. थानेदार ने USAID से संकट के दौरान अमेरिकी सहायता के संभावित तरीकों पर चर्चा करने के लिए भारत के साथ सीधे जुड़ने का अनुरोध किया है. 

टनल के प्रवेश द्वार से 200 मीटर दूर फंसे हैं मजदूर 

उत्तरकाशी में 12 नवंबर की सुबह चारधाम प्रोजेक्ट के तहत बन रही टनल में एक हिस्सा धंस गया था यानी इस घटना का 5वां दिन है. इस मलबे में 40 मजदूर हर पल मौत से जूझ रहे हैं. अच्छी बात ये है कि सभी 40 मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं. टनल के प्रवेश द्वार से करीब 200 मीटर अंदर मजदूर जहां फंसे हैं. उसके ठीक आगे 50 मीटर तक मलबा फैला है. रेस्क्यू टीम के लिए ये सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि टनल का वो हिस्सा काफी कमजोर है. 

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800 मिलीमीटर व्यास के पाइप डाले जा रहे 

मजदूरों के रेस्क्यू के लिए थाईलैंड और नॉर्वे की एक्सपर्ट टीमों की मदद भी ली जा रही है. अब इस 50 मीटर से भी ज्यादा लंबे मलबे के बीच 800 मिलीमीटर व्यास के पाइप डाले जा रहे हैं. कोशिश है कि मलबे के आर पार स्टील पाइप करके अंदर से ही एक-एक करके मजदूरों को निकाला जा सके. मजदूरों से पाइप के जरिए ही बातचीत की जा रही है. इतना ही नहीं मजदूरों को भरोसा दिया जा रहा है कि वो हर हाल में सुरक्षित बाहर निकाल लिए जाएंगे. 

एयरफोर्स के तीन विमान 25 टन भारी मशीन लेकर पहुंचे 

जैसे ही रेस्क्यू टीम मजदूरों को निकालने के लिए मलबा निकाल रही है. सुरंग में मजदूरों के ऊपर ही मलबा गिरने लगता है. आज एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर पहुंचे. इन्हीं मशीनों से मलबे को भेदकर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचाए जाएंगे. 

यूपी के 3 जिलों के 8 मजदूर फंसे 

यूपी सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग से एक नोडल अधिकारी लखनऊ से भेजा है. सुरंग में यूपी के 3 जिलों के 8 मजदूर फंसे हैं. नोडल अधिकारी बचाव दल के साथ समन्वय करें और बचाव के बाद श्रमिकों की सुरक्षित वापसी की योजना बनाएंगे. इसके साथ ही नोडल अधिकारी श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों के बीच संवाद स्थापित करेंगे.

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