उत्तराखंड की धामी सरकार ने आज कैबिनेट की बैठक की. इस दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इस दौरान सबसे अहम फैसला उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून में सख्त संशोधन से जुड़ा रहा. अब इसमें संशोधन किया जाएगा और इसके बाद उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण संज्ञेय अपराध माना जाएगा.
संशोधन के बाद नए कानून में 10 साल की सजा का प्रावधान होगा. अब सदन के शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे को रखा जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि संशोधन होने के बाद जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद के मामले में रोक लगेगी.
हल्द्वानी शिफ्ट होगी हाई कोर्ट
इसके अलावा धामी सरकार की कैबिनेट मंत्रिमंडल में एक और अहम फैसला लिया गया. नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की मंजूरी मिल गई है. अब नैनीताल हाई कोर्ट हल्द्वानी में शिफ्ट होगा. नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की लंबे समय से मांग चल रही थी.
इसके अलावा उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट बैठक में 29 और प्रस्ताव लाए गए. 'अपणी सरकार' पोर्टल के लिए रिक्रूटमेंट प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. साथ ही जल विद्युत परियोजनाओं के लिए टीएचडीसी और ugvnl के बीच उपकरण बनाए जाएंगे. इसके अलावा राज्य में 4G मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मोबाइल टावर के लिए 2000 वर्ग गज भूमि निशुल्क दी जाएगी.
अपने लोगों की वजह से धामी सरकार की किरकिरी
बता दें कि उत्तराखंड में धामी सरकार इन दिनों अपने ही लोगों की वजह से बैकफुट पर नजर आ रही है. हाल ही में दिए गए पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कमीशन वाले बयान के बाद एक और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी सरकार के लिए मुसीबतें खड़ी करने वाला काम किया. त्रिवेंद्र रावत ने बयान दिया कि देहरादून में स्मार्ट सिटी का काम अधर में है.
बीते दिन त्रिवेंद्र रावत ने देहरादून स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर ऐसा बयान दिया जिससे सरकार में खलबली मच गई. उन्होंने स्मार्ट सिटी निर्माण कामों की प्रगति को निराशाजनक बताया. उन्होंने कहा कि पहले स्मार्ट सिटी का काम बहुत अच्छे से चल रहा था.