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सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग, रेस्क्यू को और मुश्किल बनाएगा मौसम! उत्तरकाशी में अगले तीन दिन बारिश का अलर्ट

सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इस बीच मौसम विभाग की ओर से पूरे उत्तराखंड में बारिश की चेतावनी जारी की गई है. राज्य में गरज के साथ बारिश और कुछ इलाकों में ओलावृष्टि हो सकती है. IMD के मुताबिक, आज दोपहर बाद मौसम में बदलाव के आसार हैं.

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Uttarkashi tunnel Rescue (Photo-PTI)
Uttarkashi tunnel Rescue (Photo-PTI)

उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इसी क्रम में कल (रविवार) से वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. हौरिजोंटल ड्रिलिंग के दौरान ऑगर मशीन का एक हिस्सा टूट गया था, जिसकी मरम्मत का काम चल रहा है. वहीं, मैन्युअल खुदाई शुरू करने पर भी काम चल रहा है. 

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रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच मौसम विभाग (IMD) की ओर से आज, 27 नवंबर को पूरे उत्तराखंड में बारिश की चेतावनी जारी की गई है. राज्य में गरज के साथ बारिश और कुछ इलाकों में ओलावृष्टि हो सकती है. IMD के मुताबिक, आज दोपहर बाद मौसम में बदलाव के आसार हैं.

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, उत्तराखंड राज्य में अगले 24 घंटे में मौसम का मिजाज बिगड़ेगा. IMD ने राज्य के अधिकांश इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ यानी वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते आसमान में घने बादल के साथ बारिश-बर्फबारी देखने को मिल सकती है.

मौसम विज्ञान केंद्र ने 27 नवंबर को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत और नैनीताल में बारिश-ओलावृष्टि की संभावना व्यक्त की है. जबकि बाकी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है. मौसम का मिजाज बदलने से मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ने के आसार हैं.

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मौसम विभाग ने तीन दिन उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली व आस-पास के क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है. बता दें कि उत्तरकाशी सुरंग हादसे का आज 16वां दिन है. रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से जारी है. जो बाधाएं थीं उन्हें हटा लिया गया है. ऑगर मशीन के टुकड़ों को सुरंग से निकाल लिया गया है. 

अंदर जो मजदूर फंसे हैं, उन्हें लगातार खाना और पानी भेजा जा रहा  है. मजदूरों को उबले अंडे, सत्तू के लड्डू, दलिया, जैम-ब्रेड खाने में दिया गया है. सिलक्यारा छोर से भी मैनुअल ऑपरेशन किसी भी वक्त शुरू हो सकता है. सिलक्यारा छोर से रेस्क्यू में बहुत चुनौतिया हैं. क्योंकि आगे सरियों का जंजाल है. 

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राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने बताया कि रेस्क्यू के लिए 6 योजनाओं पर काम चल रहा है. रेस्क्यू को रोका नहीं गया है. रेस्क्यू टीम ने रविवार को सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की, पहले दिन लगभग 20 मीटर तक खुदाई की गई है. 
 

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