scorecardresearch
 

उत्तरकाशी में 41 जिंदगियां बचाने के लिए 6 एक्शन प्लान तैयार, पहले दिन 20 मीटर तक हुई वर्टिकल ड्रिलिंग, जानें- कब पूरी होगी खुदाई

रेस्क्यू टीम ने रविवार को सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की, पहले दिन लगभग 20 मीटर तक खुदाई की गई है. रेस्क्यू रूट बनाने के लिए 700 मिमी चौड़े पाइप डाले जा रहे हैं. थोड़ी दूरी पर एक पतली 200-मिमी पाइप को अंदर धकेला जा रहा है. यह 70-मीटर तक पहुंच गया है.

Advertisement
X
रेस्क्यू टीम ने 41 लोगों को बचाने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू कर दी है
रेस्क्यू टीम ने 41 लोगों को बचाने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू कर दी है

उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. इसी क्रम में रविवार को वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हो गई है. हॉरिजेंटल ड्रिलिंग के दौरान ऑगर मशीन का एक हिस्सा टूट गया था, जिसकी मरम्मत का काम चल रहा है. वहीं मैन्युअल खुदाई शुरू करने पर भी काम चल रहा है.

Advertisement

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि रेस्क्यू के लिए 6 योजनाओं पर काम चल रहा है. उन्होंने सबसे अच्छे विकल्प के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि 6 योजनाओं को अपनाया जा रहा है. रेस्क्यू को रोका नहीं गया है और मरम्मत कार्य अभी भी जारी है.

रेस्क्यू टीम ने रविवार को सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की, पहले दिन लगभग 20 मीटर तक खुदाई की गई है. राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने कहा कि अगर कोई बाधा नहीं आई तो वर्टिकल ड्रिलिंग गुरुवार तक खत्म हो जाएगी. जैसे-जैसे ड्रिलिंग आगे बढ़ रही है, रेस्क्यू रूट बनाने के लिए 700 मिमी चौड़े पाइप डाले जा रहे हैं. थोड़ी दूरी पर एक पतली 200-मिमी पाइप को अंदर धकेला जा रहा है. यह 70-मीटर तक पहुंच गया है.

Advertisement

इन 6 विकल्पों पर हो रहा काम

वर्टिकल ड्रिलिंग 

सैयद अता हसनैन ने बताया कि रविवार से शुरू हुई वर्टिकल ड्रिलिंग दूसरा सबसे अच्छा विकल्प है. उन्होंने कहा कि 86 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग के बाद सुरंग की परत को तोड़ना होगा, ताकि फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकाला जा सके.

साइड-वे ड्रिलिंग

श्रमिकों को बचाने के लिए साइडवेज़ ड्रिलिंग के एक विकल्प पर विचार किया जा रहा है. हालांकि साइड-वे ड्रिलिंग (170 मीटर की दूरी तय करने वाली वर्टिकल ड्रिलिंग) करने के लिए मशीनें अभी तक साइट पर नहीं पहुंची हैं. देर रात के दौरान वहां पहुंचने की उम्मीद है.

ड्रिफ्ट तकनीक

हसनैन ने बताया कि अगर अन्य विकल्प काम नहीं करते हैं, तो बचाव का एक अन्य तरीका ड्रिफ्ट तकनीक को अपनाया जा सकता है. हमें पाइप को स्थिर रखना होगा. बरमा के टूटे हुए हिस्सों को हटाना होगा. किनारे पर बहाव शुरू करने की तैयारी करनी होगी. ऊपर से नीचे की ड्रिलिंग की तैयारी करनी होगी और अंदर फंसे 41 भाइयों को स्थिर और मजबूत करना होगा, क्योंकि ये ऑपरेशन लंबे समय तक चल सकता है.

सुरंग के बरकोट छोर से रेस्क्यू 

NDMA सदस्य ने बताया कि सुरंग के बारकोट छोर से ब्लास्ट तकनीक का उपयोग करके 483 मीटर लंबी रेस्क्यू सुरंग बनाई जाएगी. हसनैन ने कहा कि पांचवां विस्फोट रविवार सुबह किया गया और 10-12 मीटर क्षेत्र में घुस गया. इससे पहले 23 नवंबर को उन्होंने कहा था कि टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने बारकोट-छोर से एक बचाव सुरंग का निर्माण शुरू किया है. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 3 विस्फोट करने का प्रयास किया गया.

Advertisement

बरकोट छोर से वर्टिकल ड्रिलिंग

हसनैन ने बताया कि एक अन्य विकल्प के तौर पर सुरंग के बारकोट छोर से वर्टिकल ड्रिलिंग शामिल है, जिसे  ONGC द्वारा किया जाएगा. हसनैन ने कहा कि बरकोट की ओर से 24 इंच की ड्रिलिंग होगी. जिसके लिए 5 किलोमीटर लंबी सड़क की जरूरत है और इसका निर्माण सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा किया जा रहा है.

हॉरिजेंटल ड्रिलिंग 

NDMA सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने हॉरिजेंटल ड्रिलिंग को अब तक का सबसे अच्छा विकल्प बताया, जिसके तहत 47 मीटर की ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि बरमा मशीन के टूटे हुए हिस्सों को फिर से जोड़ने का काम जारी है, हॉरिजेंटल ड्रिलिंग के दौरान कई बाधाएं आ रही हैं, जिन्हें पार किया जा रहा है. 

Live TV

Advertisement
Advertisement