उत्तराखंड के जंगलों में आग को लेकर दाखिल की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले को लेकर हाई कोर्ट जा सकते हैं. अब याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली है.
दरअसल सिर्फ मई महीने में ही उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की 79 घटनाएं सामने आई हैं. इस मामले में टिहरी गढ़वाल के एक वकील रितुपूर्ण उनियाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिकाकर्ता ने कहा कि आग की वजह से उत्तराखंड में 44 हजार हेक्टेयर जंगलों का नुकसान हुआ है. ये आंकड़ा साल 2000 में उत्तराखंड गठन होने के बाद का है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से प्रार्थना की है कि जंगल में रहने वाले जानवरों और पक्षियों को कानूनी अधिकार दिया जाए और उन्हें सभी मौलिक अधिकार दिए जाएं. साथ ही मामले की एसआईटी से जांच कराई जाए.
18 जून को इस मामले की सुनवाई हुई थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बारिश के लिए प्रार्थना करें, केवल बारिश से ही आग पर काबू पाया जा सकता है. जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि बारिश के लिए प्रार्थना की जा सकती है और कोर्ट के किसी आदेश से तुंरत कोई मदद नहीं मिलने वाला है.