उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के लिये अपनी विधान सभा सीट खाली करने वाले पूर्व बीजेपी विधायक और कुमांउ मंडल विकास निगम के निदेशक और अध्यक्ष किरन मंडल को मंत्री पद का दर्जा दे दिया. आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार मंडल को मंत्री पद का दर्जा उनके निगम में कार्यभार संभालने की तिथि से प्रभावी होगा.
उन्होंने बताया कि मंत्री पद के दर्जे से जुड़ी सारी सुविधायें भी उन्हें उनका कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से ही मिलेंगी. बहुगुणा के उधमसिंह नगर जिले के सितारगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जाने के बाद मंडल को जुलाई में पर्यटन को बढ़ावा देने वाले राज्य सरकार के उपक्रम कुमाउ मंडल विकास निगम के निदेशक और अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया था. ऐसा माना जाता है कि अपनी सीट मुख्यमंत्री के लिये खाली करने और उन्हें राज्य विधानसभा में विधायक के रूप में पहुंचाने के लिये ‘इनाम के तौर पर’ मंडल को इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति दी गयी.
इस वर्ष की शुरुआत में मुख्यमंत्री पद संभालने के दौरान बहुगुणा टिहरी से लोकसभा सांसद थे और उन्हें छह माह के भीतर विधानसभा के लिये निर्वाचित होने के लिये एक विधानसभा सीट की दरकार थी जो उन्हें मंडल ने उपलब्ध करायी.
मंडल के इस्तीफा देने के बाद इस वर्ष जुलाई में हुए सितारगंज उपचुनाव में बहुगुणा बीजेपी को रिकार्ड मतों के अंतर से पराजित कर विधानसभा में पहुंचे थे और उनकी इस जीत में बंगाली समुदाय से संबंधित मंडल की बड़ी भूमिका मानी गयी थी.
वैसे भी विधानसभा चुनावों के दौरान विपक्षी बीजेपी से सिर्फ एक सीट ज्यादा जीतने वाली कांग्रेस की उपचुनाव में विजय ने सदन में उसकी स्थिति थोड़ी बेहतर कर दी. बहुगुणा की जीत ने जहां कांग्रेस की संख्या 33 पहुंचा दी, वहीं बीजेपी को 30 पर सीमित कर दिया.