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भिखारी सा बना दिया मुझे... कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का उत्तराखंड सरकार से इस्तीफा

उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने अपना इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपनी ही सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया है. उनके मुताबिक राज्य सरकार कोटद्वार में( स्वीकृत करने को लेकर) मेडिकल कॉलेज को लटका रही है, ऐसे में वे अब काम नहीं कर सकते हैं. हरक ने ये इस्तीफा भी कैबिनेट बैठक के दौरान दिया है.

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हरक सिंह रावत का उत्तराखंड सरकार से इस्तीफा
हरक सिंह रावत का उत्तराखंड सरकार से इस्तीफा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का उत्तराखंड सरकार से इस्तीफा
  • क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज की थी मांग, पूरा नहीं होने पर इस्तीफा
  • आजतक से बोले- सरकार ने भिखारी सा बना दिया

उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने अपना इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपनी ही सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया है. उनके मुताबिक राज्य सरकार कोटद्वार में( स्वीकृत करने को लेकर) मेडिकल कॉलेज को लटका रही है, ऐसे में वे अब काम नहीं कर सकते हैं. हरक ने ये इस्तीफा भी कैबिनेट बैठक के दौरान दिया है.

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हरक सिंह रावत का इस्तीफा

लंबे समय से हरक सिंह रावत कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज की मांग कर रहे थे. उन्होंने कई बार सरकार के सामने ये मुद्दा उठाया था. लेकिन क्योंकि उनकी इस मांग को पूरी नहीं किया गया, ऐसे में उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया. खबर ये भी है कि हरक सिंह रावत अब चुनावी मौसम में कांग्रेस का रुख कर सकते हैं. अभी तक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं.

आजतक से बात करते हुए हरक सिंह रावत ने कहा है कि 5 साल से मांग रहा था मेडिकल कॉलेज अपने क्षेत्र के लिए, लेकिन इन लोगों ने मुझे भिखारी सा बना दिया. वे इतने ज्यादा नाराज नजर आए कि उनकी आंखे नम हो गईं और वे रोने भी लगे. उनके मुताबिक उनकी अपनी सरकार ने उनकी इस मांग को नजरअंदाज किया. 

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हरीश रावत संग तल्ख रिश्ते, होगी कांग्रेस वापसी?

वैसे हरक सिंह रावत के राजनीतिक करियर पर नजर डालें तो उन्होंने कई मौकों पर बगावती तेवर दिखाए हैं. 2016 में कांग्रेस को छोड़ ही उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था. लेकिन बीजेपी में शामिल होने के बाद भी कई मौकों पर उनकी नेतृत्व से तकरार देखने को मिली. ऐसे में अब एक बार फिर वे अपनी पुरानी पार्टी में घर वापसी कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो हरीश रावत के लिए कई समीकरण बदल सकते हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि हरक सिंह रावत वहीं नेता हैं जिन्होंने 2016 में उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था. सरकार गिरने की नौबत आ गई थी और मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था. ऐसे में अगर अब हरक सिंह की वापसी हो जाती है, तो हरीश रावत के लिए भी स्थिति असहज हो सकती है.

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