उत्तराखंड के बागी विधायकों ने निष्कासन मामले में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हमारी विधानसभा सदस्यता वापिस हो या ना हो लेकिन हमारे ऊपर से निष्कासन का दाग हटना चाहिए. बागी विधायकों ने कोर्ट में अरूणाचल प्रदेश का हवाला देते हुए कहा कि स्पीकर को निष्कासन का अधिकार नहीं है.
वहीं कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि निष्कासित विधायक अभी भी भाजपा के सदस्य हैं, निष्कासन के एक हफ्ते के भीतर ही इन्होंने बीजेपी का ज्वाइन किया था और अगर निष्कासन वापिस होता है तो वह कांग्रेस के सदस्य कैसे कहलाए जा सकते है.
हालांकि कांग्रेस लगातार बागी विधायकों की याचिका को खारिज करने की मांग करती रही है लेकिन SC ने निष्कासन के मुद्दे पर बागी विधायकों की अर्जी को विस्तृत तौर पर सुनने के बाद 8 फरवरी की तारीख तय की है, वहीं राष्ट्रपति शासन के खिलाफ केंद्र सरकार की याचिका पर 26 मार्च को सुनवाई होगी.