वंदे मातरम पर विवाद में फिर से उबाल है. उत्तराखंड की नई नवेली बीजेपी सरकार राज्य के इंटर कॉलेजों में वंदे मातरम का पाठ अनिवार्य करने जा रही है. वंदे मातरम को लेकर मुस्लिम समुदाय की अपनी आपत्ति रही है. यानी कि वंदे मातरम पर विवाद की नई किस्त तय हो चुकी है.
रगों में देशभक्ति का जज्बा पैदा करने वाली इन पंक्तियों (वंदे मातरम) पर फिर से फसाद शुरू हो चुका है. देश की कुछ सरकारें वंदे मातरम का पाठ अनिवार्य करने के पक्ष में हैं. मगर मुस्लिम समुदाय इसका कड़ा विरोध कर रहा है. वंदे मातरम को जरूरी बनाने का अब नया प्रयास उत्तराखंड में हुआ है.
राज्य सरकार में उच्च शिक्षामंत्री धन सिंह रावत कह रहे हैं कि इस मामले में सभी समुदायों ने सहमति जताई है. बताते चलें कि मंत्री धन सिंह रावत ने इससे पहले रुड़की इंजीनियरिंग कॉलेज में लगभग धमकी भरे स्वरों में कहा था, 'उत्तराखंड में रहना होगा तो वंदे मातरम कहना होगा.'
उन्होंने ये बयान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और विधानसभा स्पीकर की मौजूदगी में दिया था. गौरतलब है कि उत्तराखंड से पहले यूपी के कई शहरों में भी वंदे मातरम पर बखेड़ा खड़ा हो चुका है. अल्पसंख्यक अड़े हैं कि वो इस गीत को नहीं गाएंगे, और सत्ता में बैठे कुछ लोग आमादा हैं कि वंदे मातरम सबको गाना होगा.
एक के लिए वंदे मातरम गाना कुफ्र है, तो दूसरे के लिए देशभक्त होने का सर्टिफिकेट. वंदे मातरम पर उठा विवाद अदालत की हद तक भी पहुंचा, लेकिन असली सवाल वंदे मातरम को देशभक्ति से जोड़ने और घटाने को लेकर है. फिलहाल उत्तराखंड सरकार अपने इस फैसले को लेकर बैकफुट पर आती हरगिज नजर नहीं आ रही है.