भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने लोगों से अपील की है कि अगर वे अपने सपनों का भारत बनाना चाहते हैं तो भविष्य में होने वाले चुनाव में बेदाग और साफ सुथरी छवि वाले लोगों को वोट दें, भले ही वह किसी भी पार्टी के हों.
अपनी जनतंत्र यात्रा के तहत इस समय उत्तराखंड का दौरा कर रहे अन्ना ने कहा, ‘वोट देने के अपने अधिकार का सोच समझकर इस्तेमाल करें और राजनीतिक दलों के पीछे भागने की बजाय साफ छवि वाले लोगों को चुनें.’
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में कौसानी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए हजारे ने कहा कि पार्टी आधारित राजनीति ने देश की राजनीतिक व्यवस्था को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि संविधान में जन शासन की बात कही गई थी, ऐसे शासन की नहीं, जो राजनीतिक दलों ने हमें दिया है.
उन्होंने कहा, ‘भारतीय संविधान में राजनीतिक दलों के लिए कोई जगह नहीं है. संविधान में एक ‘जनतंत्र’ की बात कही गई है, लेकिन आजादी के बाद राजनीतिक दलों ने व्यवस्था पर कब्जा कर लिया और देश को उनकी ताकत की हवस को पूरा करने का गढ़ बना डाला.’
हजारे ने कहा, ‘जब तक देश में सत्ता और विपक्षी दलों की अवधारणा रहेगी, भ्रष्टाचार का अंत नहीं होगा.’ उन्होंने कहा कि ग्राम सभा और ग्राम स्वराज्य का विचार भारतीय संविधान की आत्मा में था, जबकि विधानसभा और लोकसभा का विचार गौण था क्योंकि संविधान के निर्माता ग्राम सभाओं और ग्राम पंचायतों के जरिए ग्राम स्वराज्य के पक्ष में थे.