scorecardresearch
 

एक घंटे की भि‍ड़ंत के बाद 54 साल की महिला ने तेंदुए को मार गिराया

उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग में 54 साल की एक महिला ने अपनी बहादुरी से तेंदुए को मात दे दी. करीब एक घंटे की इस हिंसक भि‍डंत के दौरान खेत में मजदूरी करने वाली कमला देवी ने हंसिए को अपना हथि‍यार बनाया और आत्मरक्षा में तेंदुए पर ताबड़तोड़ वार कर दिए. घटना के बाद जहां तेंदुए की मौत हो गई, वहीं तीन फ्रैक्चर और करीब 100 टांकों के बाद कमला देवी की हालत अस्पताल में स्थि‍र बनी हुई है.

Advertisement
X
घायल कमला देवी और इलाज में जुटे डॉक्टर
घायल कमला देवी और इलाज में जुटे डॉक्टर

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में 54 साल की एक महिला ने अपनी बहादुरी से तेंदुए को मात दे दी. करीब एक घंटे की इस हिंसक भि‍ड़ंत के दौरान खेत में मजदूरी करने वाली कमला देवी ने हंसिए को अपना हथि‍यार बनाया और आत्मरक्षा में तेंदुए पर ताबड़तोड़ वार किए. घटना के बाद जहां तेंदुए की मौत हो गई, वहीं तीन फ्रैक्चर और करीब 100 टांकों के बाद कमला देवी की हालत अस्पताल में स्थि‍र बनी हुई है. दिलचस्प बात यह भी है कि इस भि‍ड़ंत के बाद गंभीर रूप से घायल कमला देवी करीब एक किलोमीटर तक पैदल चलकर अपने गांव भी पहुंची.

Advertisement

जानकारी के मुताबिक रुद्रप्रयाग के कोटी बोडना गांव की रहने वाले कमला देवी रविवार सुबह गांव से दूर अपने खेत पर काम करने गई थी. ऐसे में दोपहर का खाना बनाने के लिए जब वह खेत से वापस गांव लौट रही थी, तभी रास्ते में तेंदुए ने उन पर हमला बोल दिया. कमला देवी के हाथ में हंसिया था और उन्होंने बहादुरी के साथ उसी को अपना हथि‍यार बना लिया. गांववालों का कहना है कि महिला से संघर्ष के बाद तेंदुआ वहां से चला गया, जबकि बाद में गांव वालों ने उसे एक जगह पर मरा हुआ पाया.

तीन फ्रैक्चर और 100 से ज्यादा टांके
कमला देवी की इच्छाशक्ति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बुरी तरह जख्मी होने और लगातार खून निकलने के बावजूद वह एक किलोमीटर पैदल चलकर अपने गांव पहुंची. गांववालों ने प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अगस्त्यमुनि अस्पताल में भर्ती करवाया. बाद में उन्हें श्रीनगर रेफर कर दिया गया.

Advertisement

महिला का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि महिला के शरीर पर 100 से ज्यादा टांके लगे हैं. इसके अलावा महिला के दाहिने हाथ पर दो और बाएं पर एक फ्रैक्चर है. कमला देवी के सिर और पैर में भी गहरे जख्म हैं.

वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट लखपत रावत कहते हैं कि तेंदुए बहुत चालाक होते हैं. वे किसी संघर्ष से तभी पीछे हटते हैं, जब उन्हें यह लगे कि सामने वाला उससे ज्यादा ताकतवर है. तेंदुए का हमला कुछ मिनट और अधिक से अधि‍क 10 मिनट का होता है. तेंदुए की तेजी उसके हमले को घातक बनाती है. रावत कहते हैं, 'यह शायद देश का ऐसा पहला मामला है, जहां महिला ने तेंदुए को मार गिराया है. शायद तेंदुआ बूढ़ा रहा होगा या फिर नौसिखिया. महिला को लगे जख्म ने तेंदुए को ज्यादा देर तक संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया होगा, क्योंकि उसे लगा होगा कि महिला का शिकार किया जा सकता है.'

रूद्रप्रयाग वन विभाग के सब डिविजनल असफर अजय कुमार ने बताया कि उनकी टीम ने गांव का दौरा किया है और तेंदुए के मृत शरीर को अगस्त्यमुनि लाया गया है. तेंदुए का पोस्टमार्टम किया जाएगा तब जाकर उसके मौत के कारणों का पता चल पाएगा.

Advertisement
Advertisement