उत्तराखंड में मसूरी स्थित प्रतिष्ठित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी में एक महिला के फर्जी आईएएस बनकर वहां 6 महीने तक रुकने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. हालांकि, अकादमी के अधिकारियों को रूबी चौधरी नाम की इस महिला के फर्जी आईएएस होने का पता उसके अकादमी से चले जाने के बाद लगा. अब 6 महीने कम होगी IAS की ट्रेनिंग
सुरक्षा अधिकारी ने दर्ज कराई शिकायत
पुलिस ने बताया कि अकादमी के सुरक्षा अधिकारी सत्यवीर सिंह के इस संबंध में मंगलवार को शिकायत दर्ज कराने के बाद महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस को की गई शिकायत में सिंह ने कहा है कि अभियुक्त महिला द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर खुद को आईएएस अधिकारी बताया गया और लाइब्रेरी कर्मचारी की हैसियत से वह अकादमी में 6 माह तक अनाधिकृत रूप से निवास करती रही.
IAS बनाने के बहाने ठगे 60 लाख
आईपीसी की इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ मामला
सितंबर 2014 से लेकर मार्च 2015 तक अकादमी में रहने के दौरान आरोपी महिला परिसर में घूमने के अलावा लाइब्रेरी तथा अन्य जगहों पर भी आती-जाती थी. पुलिस ने बताया कि महिला के खिलाफ धोखाधड़ी के लिए आईपीसी की धाराओं 420, 467, 468, 471 और 170 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. अपनी जांच में पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपी महिला का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अकादमी में घुसने का मकसद क्या था और उसके द्वारा बताया गया नाम भी असली था या नहीं.
पुलिस ने जांच के लिए विशेष टीम गठित की
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पुष्पक ज्योति ने बताया कि मसूरी थाने में तैनात इंस्पेक्टर चंदन सिंह बिष्ट के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई है जो यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि उच्च सुरक्षा वाली अकादमी में आरोपी महिला ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रवेश कैसे पाया और अधिकारियों को कैसे इसकी भनक तक नहीं लग पाई. उन्होंने कहा कि खुद को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का निवासी बताने वाली आरोपी महिला रूबी अकादमी में जिस कमरे में रुकी थी, उससे मिले दस्तावेजों की भी गहनता से पड़ताल की जा रही है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच के लिए गठित विशेष पुलिस टीम प्राथमिकी दर्ज कराने वाले अकादमी के सुरक्षा अधिकारी, प्रशासन सत्यवीर सिंह से भी पता करेगी.