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उत्तराखंडः जिला पंचायत चुनाव में दिखी कांग्रेस की दबंगई

उत्तराखंड में मंगलवार को हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बाहुबल के प्रयोग से लोकतंत्र शर्मसार हो गया, 12 जिलों में हुए इस चुनाव में सभी जगह चुनाव जीतने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए गए.

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हरीश रावत
हरीश रावत

उत्तराखंड में मंगलवार को हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बाहुबल के प्रयोग से लोकतंत्र शर्मसार हो गया, 12 जिलों में हुए इस चुनाव में सभी जगह चुनाव जीतने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए गए. कई जगह तो पुलिस की मौजूदगी में जिला पंचायत सदस्यों को न केवल घसीट कर ले जाया गया, बल्कि उनसे जबरन वोट डलवाया गया.

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ये नजारा देखकर ये तो समझ आ गया कि सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार सूबे में किस कदर लोकतंत्र का गला घोटने पर आमादा है. चम्पावत में एक महिला को पुलिस की संगीनों के साए में कुछ लोग घसीट कर ले गए. इनमें से एक व्यक्ति कांग्रेस की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अधिकृत प्रत्याशी खुशाल सिंह भी था, और जिस महिला (मीना देवी) को वो घसीट कर ले जा रहा था, उसे हाल ही में जनता ने जिला पंचायत सदस्य चुना था.

मीना देवी पिछले काफी समय से लापता थीं, उनका अपहरण करने का आरोप लगाते हुए उनके पति ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई थी, मंगलवार को मीना देवी सामने तो आई लेकिन जिस हालात में वो थीं, उसे देख कर हर कोई हैरान और डरा हुआ था. मीना को पुलिस के सामने ही कांग्रेस के लोग घसीटते हुए वोट डालने के लिए ले गए लेकिन सब चुप थे.

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मौके पर मौजूद मीडिया के साथ बदसलूकी कर उन्हें काम करने से रोकने की असफल कोशिश की गई. मीना का पति उन्हें एक बार उनसे मिलने देने की गुहार लगाते रहे, लेकिन पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी, उल्टा उन्हें लाठियों से मार कर भगा दिया गया.

चम्पावत में कांग्रेसियों ने जो किया उसके निर्देश उन्हें ऊपर से दिए गए थे, खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, 'हम सब जगह टककर में हैं और बीजेपी कहीं टककर में नहीं है, इससे अंदाजा लगा लीजिए की पंचायती चुनाव में उनकी क्या स्थिति है.'

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