हिमालय में स्थित ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ के कपाट भाई दूज के मांगलिक मुहूर्त में सुबह आठ बजे शीतकाल में छह महीनों के लिए बंद हो गए. परंपरागत रूप से बाबा केदारनाथ के कपाट बंद करने की वैदिक और पारंपरिक प्रक्रिया बहुत दिलचस्प है. शीतकाल शुरू होते ही यम द्वितीया को बाबा केदारनाथ के कपाट अगले 6 महीने यानी बैसाख शुक्ल पक्ष में अक्षय तृतीया के महापर्व तक बंद रहते हैं. इस दौरान बाबा केदारनाथ की चांदी से बनी पंचमुखी उत्सव मूर्ति की पूजा लगभग 25 किलोमीटर नीचे उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में होती है. देखें केदारनाथ से संजय शर्मा की ये रिपोर्ट.