क्या खाक बदला? ये सवाल हम पूछ रहे हैं सरकार से,पुलिस से और इस समाज से. जब दिल्ली में 5 साल की मासूम बच्ची तक महफूज नहीं, तो फिर कौन महफूज है. इस दिल्ली में गुड़िया जैसी बच्चियों गुनाह कब तक होता रहेगा? लेकिन हद तो ये है कि इस सवाल से सरकार और पुलिस भी मुंह चुरा रही है...