बीजेपी ने चुनाव के लिए जारी अपने संकल्प पत्र में जो सबसे प्रमुख वादा किया था, वह किसानों की कर्जमाफी का ही था. अब सरकार इसका ऐलान करने जा रही है लेकिन इससे सरकार के खजाने पर भारी बोझ आएगा. केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया था कि यह व्यवस्था राज्य को अपने स्तर पर ही करनी होगी. यूपी में 2 करोड़ 33 लाख सीमांत और लघु किसान हैं और लगभग दो करोड़ छोटे किसान हैं. सूबे के डेढ़ करोड़ किसानों के कर्ज माफी का ऐलान हो सकता है.