छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने इस दशक के सबसे घातक हमले को अंजाम दिया है. माओवादियों ने इस बार भी हुजूम में अचानक हमला करने की रणनीति अपनाई. हमले की जगह और वक्त चुनने वाले खुद नक्सली थे. आपको बताते हैं कैसे हुआ हमला. सोमवार को सुबह करीब 8.30 बजे सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के 99 जवान दुर्गापाल कैंप से रवाना हुए. चिंतागुफा पहुंचने के बाद ये जवान दो समूहों में बंट गए. इन्हें इलाके में चल रहे सड़क निर्माण प्रोजेक्ट के लिए रास्ते की कॉम्बिंग का काम सौंपा गया था.