1985, 15 अगस्त देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर जब बोले तो पूरा विश्व उसे सुन रहा था. राजीव गांधी जो भी कह रहे थे वो किसी आने वाले दौर में परिवर्तन की दिशा की ओर बढ़ते कदम लग रहे थे.