प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ दोस्ती और भाईचारे की नई दास्तां लिखी है. लेकिन नेहरू के जमाने की पुरानी दास्तां पर सीमा रेखा का सवाल ऐसा भारी पड़ा कि आजतक सरहद का विवाद उलझा ही हुआ है. इस मुलाकात से सबसे बहुत उम्मीदें तो हैं, लेकिन इस राह में बड़े धोखे है.