भाजपा के नेताओं की बात करें या खुद प्रधानमंत्री मोदी की सबके सुर इंदिरा गांधी को लेकर मुखर ही रहते हैं. उनके अनुसार इंदिरा गांधी को सिर्फ एक ही चीज़ के लिए याद किया जाएगा और वो है 25 जून 1975 को लगा आपातकाल. खैर भाजपा इंदिरा गांधी के बारे में चाहे जो भी कहे लेकिन इस वक्त देश में 2019 के समिकरण बिल्कुल 1971 के चुनावों की तरह ही बनते दिख रहे हैं. तो चलिए आज किस्सा आजतक पर आपको बताते हैं कि कैसे आज से 47 साल पहले 1971 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी ने विपक्षी दलों के चक्रव्यूह को तोड़कर अकेले अपने दम पर जीत हांसिल की थी और इंदिरा गांधी की वो कौन सी बातें है जिसका अनुसरण पीएम मोदी 2019 के चुनावों के दौरान कर सकते हैं. साथ ही आपको बताएंगे इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व की समानताओं के बारे में.