उज्जैन के भीड़ावत गांव में दिवाली के अगले दिन एक बेहद खतरनाक परंपरा निभाई जाती है. इसके अंतर्गत कुछ लोग नीचे लेट जाते हैं और उनके ऊपर गायों को छोड़ दिया जाता है. 200 साल से ये परंपरा निभाई जा रही है.