अपने लंबे सफर में आपका पसंदीदा चैनल आजतक 10 साल का हो चुका है. इन 10 सालों में आजतक ने कई ऐसी कोशिशें की जिसने न जाने कितने लोगों की जिंदगी बदल दी. करीब 6 साल पहले 2004 में भी अंडमान निकोबार की एक मासूम बच्ची अलमाज़ सुनामी की लहरों में खो गई थी लेकिन आजतक की मेहनत से वो वापस अपने परिवार के बीच पहुंच पाई. इसलिए तो अलमाज और घरवाले कह रहे हैं आजतक मेरी जान.