अन्ना की टीम में दरार अब साफ दिखने लगी है. देश की जनता में अलख जगाने वाला अन्ना का आंदोलन अब साफ तौर पर दो-फाड़ होता दिख रहा है. अन्ना का कहना है कि वे स्वयं किसी भी राजनीतिक पार्टी के साथ नहीं रहेंगे और अच्छे उम्मीदवार का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल चाहें तो पार्टी बना सकते हैं.