कैसे कोई छोटी सी चीज बड़े आंदोलन के लिए मशाल बन जाती है, इसकी मिसाल है गांधी टोपी. आज से 92 साल पहले महात्मा गांधी ने कम कपड़ों के इस्तेमाल के लिए इस टोपी को अपने सिर पर रखा था. उसके बाद से ये टोपी गांधी के अनुयायियों के लिए ही नहीं, बल्कि अनशन और आंदोलन करने वाले हर शख्स के लिए संघर्ष की पहचान बन गयी.