अपने हों या पराए हर कोई मनमोहन सिंह और उनकी सरकार से नाराज हैं. पेट्रोल की कीमतों पर देश और यूपीए के घटक दलों में हाहाकार मचा है लेकिन सरकार पर इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा. पहले वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने हाथ खड़े किए और अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी साफ कर दिया है कि पेट्रोल की कीमतों पर सरकार का वश नहीं है. फ्रांस के शहर कान में पीएम ने कहा कि पेट्रोल की कीमतें बाजार तय करता है. उन्होंने ये भी कह दिया कि तेल की कीमतों से सरकारी नियंत्रण हटाने के लिए हमें और आगे बढ़ना चाहिए. माना जा रहा है कि पीएम का इशारा डीजल की कीमतों से सरकारी कंट्रोल हटाने पर है. साफ है मनमोहन पेट्रोल कीमतों को लेकर देश में हो रहे प्रदर्शन और घटक दलों के तीखे तेवर से जरा भी परेशान नहीं हैं. उल्टे पीएम ने तो यहां तक कह दिया है कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोत्तरी मांग से जुड़ी हुई है और मांग में बढ़ोत्तरी एक तरफ देश की बढ़ती संपन्नता को दिखाता है.