फर्जी डिग्री का आरोप झेल रहे बालकृष्ण पर जब सीबीआई का शिकंजा कसा तो रामदेव ने भी उनसे दूरियां बढ़ानी शुरु कर दी. रामदेव के संस्थानों में पहले सिर्फ बालकृष्ण के दस्तखत से पैसों का लेनदेन हुआ करता था, लेकिन अब ये अधिकार मुक्तानंद को भी मिल गया है.