सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सीएजी कोई मुनीम जी नहीं है जो सिर्फ बही खातों का ब्यौरा पेश करेगी. एक जनहित याचिका की सुनवायी के दौरान कोर्ट ने कहा कि सीएजी एक सवैंधानिक संस्था है और उस पर बड़ी जिम्मेदारी है.