देश टकटकी लगाए बैठा था कि मनमोहन अपनी टीम में क्या बदलाव लाने जा रहे हैं, लेकिन जब बदलाव सामने आया तो किसी को समझ नहीं आया कि आखिर इस बदलाव का पैगाम क्या है? क्योंकि ना दागियों को दंड मिला और ना ही अच्छा करने वालों को पुरस्कार.