देशभर में इस वक्त महंगाई और एफडीआई को लेकर हंगामा मचा हुआ है, हज़ारों युवा नौकरी के लिए मारे मारे फिर रहे हैं और देश की अर्थव्यवस्था की हालत भी कुछ ठीक नहीं है. लेकिन सरकार की दलील है कि एफडीआई लागू करने के फैसले से कई मुश्किलें हल हो जाएंगी. तो क्या रिटेल में विदेशी कंपनियों की इंट्री वाकई एक सुधार की निशानी है. क्या सरकार के ये सुधार अच्छे हैं?