विकीलीक्स ने खुलासा किया है कि 2008 के दौरान सरकार ने विश्वास मत हासिल करने के लिए सांसदों की खरीद-फरोख्त की थी. इस मामले पर संसद में जमकर हंगामा हुआ. सदन में इस मामले के थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं.