बढ़ी हुई तोंद, हथियार चलाने का सलीका नहीं और जिम्मेदारी नक्सलियों से लड़ने की. यही हाल है झारखंड के ज्यादातर सब-इंस्पेक्टरों का. हमने ये सारा कुछ देखा रांची के एक अभ्यास शिविर में. यहां इक्के-दुक्के दारोगा ही निशानेबाज़ी टेस्ट में पास हो पाए.