कभी-कभी कहानियों में भी ऐसे किस्से नहीं मिलते, जैसे पिछले करीब 12 दिनों से अकेले पूरी दिल्ली पुलिस की किरकिरी करने वाले गोपाल कांडा की दास्तान है. खराब रेडियो रिपेयर कर कुछ सौ रुपए महीना कमाने वाला, कब जूते बेचने लगता है और फिर जूते बेचते-बेचते कब नेताओं के पांव की नाप लेकर अपने पांव हवाई जहाज़ में रख देता है, पता ही नहीं चलता.