प्यार कभी भी और कहीं भी हो सकता है. लेकिन प्यार का इकरार तभी होगा, जब इज़हार-ए-मुहब्बत हो और मुहब्बत का इज़हार बॉलीवुड से बेहतर भला कहां होगा.