मैं चाहे जो करूं मेरी मर्जी... कुछ ऐसा ही लग रहा है इन दिनों सरकार के रवैये से. विरोधी और सहयोगी तमाम पार्टियों ने पेट्रोल की कीमत वापस लेने के लिए दबाव डाला लेकिन सरकार कीमत वापस लेना की बात तो दूर बढ़ी कीमतों को जायज़ ठहरा रही है. कीमतों पर सरकार के मौजूदा रुख की बुनियाद तो प्रधानमंत्री ने पेरिस में ही रख दी थी. वहां महंगाई पर पूछे गए सवालों के जवाब में अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री ने महंगाई को देश की अमीरी का पैमाना बता दिया था. जाहिर है ये बयान लोगों को राहत कम और जख्मों को कुरेदना का काम ज्यादा करेगी.