बड़े स्तर पर जारी भ्रष्टाचार को रोकने और घोटालेबाजों पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार एक अध्यादेश लाने जा रही है. इस अध्यादेश से देश के प्रधानमंत्री को भी लोकपाल के दायरे में लाया जा रहा है. केंद्र का प्रस्तावित लोकपाल विधेयक 42 साल से अटका हुआ है. जिसमें अध्यादेश के जरिए केंद्र संशोधन करेगी.