दो-दो एम फैक्टर हैं मनमोहन सिंह के सामने. पहला एम फैक्टर है मल्टीब्रैंड और महंगाई. तो दूसरा एम फैक्टर है ममता,मुलायम और मायावती. मनमोहन की समस्या ये है कि पहला एम फैक्टर वो खुद लेकर आए हैं, जिसकी वजह से दूसरा एम फैक्टर सिरदर्द बन गया है. अब महंगाई और मल्टीब्रैंड का एम फैक्टर छोड़ने को मनमोहन तैयार नहीं हैं, जबकि दूसरा एम फैक्टर - मनमोहन को ही छोड़ने की धमकी दे रहा है.