संगीतप्रेमियों के लिए संगीतकर खैय्याम का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. उमराव जान, बाजार, कभी-कभी, नूरी जैसी फिल्मों के गीतों को संगीत में पिरोकर खय्याम कई पीढ़ियों के कानों में शहद घोलते रहे हैं. उमराव जान में खय्याम, शहरयार और आशा की तिकड़ी ने जो गजब ढ़ाया उसे कोई भी सिनेमा प्रेमी कभी नहीं भूल पाएगा.